आज सुबह से भंडारा चल रहा है, रसगुल्ला, जलेबी क्या नहीं बनवा रखा है आकाश ने, कितना अच्छा प्रबंध कर रखा है---
आखिर आज उसके मां की तेरहवीं जो है, अरे हम्म उस मां की जो थोड़े दिन पहले वृद्धाश्रम में मर गई।