Sahitya DarshannStory,Poems.shayari,quotes,Gazals,कवितायें शायरी कहानियाँ

 

 

 ओ बेवफा आज फिर मुझे रुला गई

.बैठा था तन्हा तभी उसकी याद आ गई

 समझ नहीं आया क्या थी उस पगली की लाचारी...

 या बेवफाई है उसकी पैदाइशी बिमारी...

Share