अहसास
Posted: 05-08-2018
| Writer - Rupendra Sharma
हैलो..........हैलो........... , थोड़ी देर के सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¥‡ के बाद दबे से सà¥à¤µà¤° में आवाज आती है........., हैलो.................... मैं राज बोल रहा हूà¤, कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤¨ रही हो । हाठसà¥à¤¨ रही हूà¤, पहचाना मà¥à¤à¥‡, पिया बोल रही हूà¤à¥¤ अपना परिचय देने की जरूरत नहीं है, मैंने पहचान लिया। राज को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बाद पिया बोली, कैसे पहचाना तà¥à¤®à¤¨à¥‡, मेरा नया नमà¥à¤¬à¤° तो है ही नहीं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पास, और मैंने तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पास पूरे दो साल बाद कॉल किया है।
राज की फीकी सी हसी निकल पड़ती है। “हंस कà¥à¤¯à¥‚ं रहे हो, मैंने तो à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं कहा जिससे तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ हंसी आये।†इस पर राज कहता है, नहीं, à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं है, बस à¤à¤¸à¥‡ ही, तà¥à¤® ये बताओ पिया, तà¥à¤®à¤¨à¥‡ मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ याद किया।
राज की फीकी सी हसी निकल पड़ती है। “हंस कà¥à¤¯à¥‚ं रहे हो, मैंने तो à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं कहा जिससे तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ हंसी आये।†इस पर राज कहता है, नहीं, à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› नहीं है, बस à¤à¤¸à¥‡ ही, तà¥à¤® ये बताओ पिया, तà¥à¤®à¤¨à¥‡ मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ याद किया।
[Read More]
लालच
Posted: 11-04-2018
| Writer - SURYA NARAYAN SHUKLA
उठजा राजू बेटा आज कà¥à¤¯à¤¾ घास काटने नहीं जाना है?.......माठकी आवाज जब राजू के कानों में पड़ी तो वो तà¥à¤°à¤‚त बिसà¥à¤¤à¤° से उठगया.....और अपने औजारों को लेकर जंगल की तरफ घास काटने चल दिया...!!
बहà¥à¤¤ समय पहले की बात है....पहाड़ों की तलछटी में बसे à¤à¤• गाà¤à¤µ में राजू अपने माठके साथ रहता था....उसके पिता की मौत हो चà¥à¤•ी थी...तो घर चलाने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ उसी के कनà¥à¤§à¥‹à¤‚ पर आ गयी थी....
[Read More]
रेपिसà¥à¤Ÿ कौन
Posted: 11-04-2018
| Writer - SURYA NARAYAN SHUKLA
बेटा उठजाओ,सà¥à¤¬à¤¹ के 9 बज रहे हैं,कब तक सोओगी-----मासà¥à¤Ÿà¤° केशव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ ने पलà¥à¤²à¤µà¥€ को आवाज लगाते हà¥à¤ कहा,
(माठके बचपन में ही गà¥à¤œà¤° जाने के बाद मासà¥à¤Ÿà¤° साहब ही पलà¥à¤²à¤µà¥€ के माà¤-बाप थे वो उसे अपनी बेटी नहीं बेटा मानते थे ,यदा-कदा वो कहा करते थे की मेरे मरने के बाद मà¥à¤à¥‡ मà¥à¤–ागà¥à¤¨à¤¿ मेरी पलà¥à¤²à¤µà¥€ ही देगी, पलà¥à¤²à¤µà¥€ को पालने के लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤•ूल से सà¥à¤µà¥ˆà¤šà¥à¤›à¤¿à¤• सेवानिवृति ले ली थी )
[Read More]
पगला
Posted: 25-03-2018
| Writer - Ranjan Kumar Pandit
रात के करीब यही 10 बज रहे होंगे ,बड़ी बेसबà¥à¤°à¥€ से रोहन 12 बजने का इंतजार कर रहा था,
कल था ही à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› खास !!
22 जून !! उसके best friend अननà¥à¤¯à¤¾ का birthday
[Read More]
जिंदगी........à¤à¤• अधूरा सफ़र
Posted: 22-02-2018
| Writer - Rupendra Sharma
बरसात का मौसम था, और फिर अà¤à¥€ - अà¤à¥€ अजय से बात की है, तो उसने à¤à¥€ बताया है, कि “कविता हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में पिछले दो-तीन दिन से à¤à¤¾à¤°à¥€ बारिस हो रही हैâ€, समाचार चैनल लगातार चेतावनी दे रहे हैं, कि अà¤à¥€ 1-2 दिन और बारिस हो सकती है। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¥€ जाना जरूरी था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कविता को अपने ममà¥à¤®à¥€ और पापा दोनों की असà¥à¤¥à¤¿ विसरà¥à¤œà¤¨ करना था l
[Read More]
दोसà¥à¤¤à¥€
Posted: 22-02-2018
| Writer - Ranjan Kumar Pandit
रात के यही कोई ११ बज रहे होंगे !! रोज की तरह अदिति डिनर के बाद अपनी fb account चेक कर रही थी !! तà¤à¥€ अचानक उसका मोबाइल vibrate होने लगता है..... इतनी रात को कॉल !! खैर नंबर तो जाना पहचाना लग रहा 8962XXXX !! अनमने मन से ओ कॉल रिसीव करती है
हैलà¥à¤²à¥‹ कौन !!!
[Read More]
दानी
Posted: 14-04-2018
| Writer - Harishankar Parsai
बाढ़-पीड़ितों के लिठचंदा हो रहा था। कà¥à¤› जनसेवकों ने à¤à¤• संगीत-समारोह का आयोजन किया, जिसमें धन à¤à¤•तà¥à¤° करने की योजना बनाई। वे पहà¥à¤à¤šà¥‡ à¤à¤• बड़े सेठसाहब के पास। उनसे कहा, 'देश पर इस समय संकट आया है। लाखों à¤à¤¾à¤ˆ-बहन बेघर-बार हैं, उनके लिठअनà¥â€à¤¨-वसà¥â€à¤¤à¥à¤° जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के लिठआपको à¤à¤• बड़ी रकम दे
[Read More]
अपना-पराया
Posted: 14-04-2018
| Writer - Harishankar Parsai
'आप किस सà¥â€à¤•ूल में शिकà¥à¤·à¤• हैं?'
'मैं लोकहितकारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में हूं। कà¥â€à¤¯à¥‹à¤‚, कà¥à¤› काम है कà¥â€à¤¯à¤¾?'
'हाà¤, मेरे लड़के को सà¥â€à¤•ूल में à¤à¤°à¤¤à¥€ करना है।'
'तो हमारे सà¥â€à¤•ूल में ही à¤à¤°à¤¤à¥€ करा दीजिà¤à¥¤'
[Read More]
चंदे का डर
Posted: 14-04-2018
| Writer - Harishankar Parsai
à¤à¤• छोटी-सी समिति की बैठक बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ की योजना चल रही थी। à¤à¤• सजà¥â€à¤œà¤¨ थे जो समिति के सदसà¥â€à¤¯ थे, पर काम कà¥à¤› नहीं, गड़बड़ पैदा करते थे और कोरी वाहवाही चाहते थे। वे लंबा à¤à¤¾à¤·à¤£ देते थे।
[Read More]
ठेस
Posted: 19-03-2018
| Writer - Phanishwar Nath Renu
खेती-बारी के समय, गाà¤à¤µ के किसान सिरचन की गिनती नहीं करते। लोग उसको बेकार ही नहीं, 'बेगार' समà¤à¤¤à¥‡ हैं। इसलिà¤, खेत-खलिहान की मजदूरी के लिठकोई नहीं बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ जाता है सिरचन को
[Read More]
तीसरी कसम, उरà¥à¤« मारे गठगà¥à¤²à¤«à¤¾à¤®
Posted: 19-03-2018
| Writer - Phanishwar Nath Renu
हिरामन गाड़ीवान की पीठमें गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¥€ लगती है...
पिछले बीस साल से गाड़ी हाà¤à¤•ता है हिरामन। बैलगाड़ी। सीमा के उस पार, मोरंग राज नेपाल से धान और लकड़ी ढो चà¥à¤•ा है
[Read More]
रसपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾
Posted: 19-03-2018
| Writer - Phanishwar Nath Renu
धूल में पड़े कीमती पतà¥à¤¥à¤° को देख कर जौहरी की आà¤à¤–ों में à¤à¤• नई à¤à¤²à¤• à¤à¤¿à¤²à¤®à¤¿à¤²à¤¾ गई - अपरूप-रूप!
चरवाहा मोहना छौंड़ा को देखते ही पà¤à¤šà¤•ौड़ी मिरदंगिया की मà¥à¤à¤¹ से निकल पड़ा - अपरà¥à¤ª-रà¥à¤ª!
[Read More]
नैना जोगिन
Posted: 19-03-2018
| Writer - Phanishwar Nath Renu
रतनी ने मà¥à¤à¥‡ देखा तो घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ से ऊपर खोंसी हà¥à¤ˆ साड़ी को 'कोंचा' की जलà¥à¤¦à¥€ से नीचे गिरा लिया। सदा साइरेन की तरह गूà¤à¤œà¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥€ उसकी आवाज कंठनली में ही अटक गई। साड़ी की कोंचा नीचे गिराने की हड़बड़ी में उसका 'आà¤à¤šà¤°' à¤à¥€ उड़ गया।
[Read More]
à¤à¤• आदिम रातà¥à¤°à¤¿ की महक
Posted: 19-03-2018
| Writer - Phanishwar Nath Renu
न ...करमा को नींद नहीं आà¤à¤—ी।
नठपकà¥à¤•े मकान में उसे कà¤à¥€ नींद नहीं आती। चूना और वारà¥à¤¨à¤¿à¤¶ की गंध के मारे उसकी कनपटी के पास हमेशा चौअनà¥à¤¨à¥€-à¤à¤° दरà¥à¤¦ चिनचिनाता रहता है। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ लाइन के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ 'इसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¤¨' सब हजार पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ हों, वहाठनींद तो आती है।...ले, नाक के अंदर फिर सà¥à¥œà¤¸à¥à¥œà¥€ जगी ससà¥à¤°à¥€...!
करमा छींकने लगा। नठमकान में उसकी छींक गूà¤à¤œ उठी।
[Read More]
चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨
Posted: 19-03-2018
| Writer - Sharatchandra
पशà¥à¤šà¤¿à¤® हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के à¤à¤• बड़े नगर में जाड़े की ऋतॠलगà¤à¤— आ पहà¥à¤‚ची थी।
रामकृषà¥à¤£ परमहंस के à¤à¤• नये शिषà¥à¤¯ को किसी à¤à¤• शà¥à¤ कारà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤£-सà¤à¤¾ में
उपेनà¥à¤¦à¥à¤° को सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ बनाया जाये...
[Read More]