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Mukesh Kumar Chaudhary
Name   - Mukesh Kumar Chaudhary
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रचनायें

कवितायें 7

चर्चित रचनायें

कवितायें

1 प्रिय

Posted: 09-04-2018

तुम जानती हो प्रिय , मेरे लिए तुम कितनी खास हो। तेरे बिना मेरा जीवन , बिलकुल अधूरा सा है। अगर मै सरिता हूँ, तो तुम उसकी निर्मल जल हो। मिलकर हम दोनों सदैव,  जीवन की प्यास बुझाएंगे ।

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2 प्यार का रोग

Posted: 31-03-2018

एक जुर्म किया है मैंने, एक दोस्त बना बैठे हम। कहते है ! प्यार सभी जिसको, वो रोग लगा बैठे हम।

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3 मै गुलाब हूँ

Posted: 26-03-2018

मै गुलाब हूँ, नाजुक बहुत हूँ। पर खुद बिछुड़ कर, दो बिछुड़े दिलो को, जोड़ना जानती हूँ।

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4 नव वर्ष की शुभकामना

Posted: 26-03-2018

खेतो की मेड पर उषा की पहली किरण का, स्वागत करते किसान को। लहलहाती हुयी फसले और खेत खलिहान को। चारागाह से लौटते हुए पाशुओ के झुण्ड को। नव वर्ष की शुभकामना।

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5 माँ तो बस माँ होती है

Posted: 26-03-2018

माँ तो बस माँ होती है माँ तेरी हो या मेरी , माँ तो बस माँ होती है। जो पास में न होकर भी, सदा साथ हमारे होती है। माँ तो बस माँ होती है।

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6 निर्भया

Posted: 25-03-2018

सिहरी जाइत अछि देह। भुटकी जाइत अछि रो। मौन पैरते ओ निर्भया  के संग होइ वाला कुकृत । मानवता के तार-तार करैत ओ दृश्य।

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7 जननी

Posted: 25-03-2018

जिनके चरणों में चारो धाम है, हे जननी ! तुझे शत् शत् प्रणाम है। माँ होती है धरती पे देवी स्वरुप इनकी आँचल की छाया में पलते सभी जिनकी ममता का ना कोई दाम है। हे जननी ! तुझे शत् शत् प्रणाम है।

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