Sahitya DarshannStory,Poems.shayari,quotes,Gazals,कवितायें शायरी कहानियाँ

 

मानवता

बड़ी जलन है इस ज्वाला में ,जलना कोई खेल नही

भागम भाग की इस दुनिया मे मानवता का मेल नही

अपने अपनो से कटे जा रहे,अब बस रिस्ते निभाये जाते हैं

अपने स्वार्थ के खातिर सिर्फ अब दोस्त बनाये जाते हैं

 

नमक लिए घूमते हैं लोग,अब तो हर दर्द छिपाना पड़ता है

आंखों में हो अश्क फिर भी मुस्कान पड़ता है

दूसरों के गमों में घर घी के दिप जलाये जाते हैं

दिल मे हो खुशियो का समंदर ,फिर भी कब्र पे आशु बहाया जाता है

सिर्फ और सिर्फ़ आज use nd throw mechanism अपनाया जाता है

Real लाइफ में टाइम नही,लेकिन फसेबूक पे रोज नया दोस्त बनाया जाता है

 

पता नही इस अंधियारी रात का सबेरा कब होगा

सुने पड़े आंगन में चिड़ियों का फिर से बसेरा कब होगा

आखिर कोयल कब फिर अपनी मधुर कूक सुनाएगी

अपनी काली करतूतों से आखिर मानवता कब शर्माएगी !!

 

 

 

Share