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लोकतंत्र

लोकतंत्र के परब आईल कहला बिना 
रहाते नईखे 
मत केकरा के दान करी 
बुझाते नइखे ।
बड़का-बड़का पोस्टर पे बा 
बड़हन-बड़हन वादा, 
उपर से देखे में लागे 
सबकर नेक इरादा ,
के विकास के काम करी 
के करी जेब आबाद,
के जनता के बीच रही 
के दिखी पाँच साल बाद 
के बा नमरी, के दु नमरी 
चिन्हाते नइखे 
मत केकरा के दान करी 
बुझाते नइखे ।
लालटेन जलाई की कमल 
खिलाई ,
हाथी पर चढ़ी की साइकिल 
चलाई, 
हाथ से हाथ मिलाके 
दोस्ती बढ़ाई ,
की झाड़ू चलाके करी सफाई 
दिन रात सोचत बीतेला 
दिमाग से ई जाते नईखे 
मत केकरा के दान करी 
बुझाते नइखे ।
सब कहत बा वोट देबे के 
जोड़-जोड़ के हाथ,
हम हइ सेवक राउर 
दिही हमार साथ ,
एकही वोट देबे के बाकिर 
बा हमरा अधिकार, 
केकर अरजी मानी 
केकर करी अस्वीकार 
लागे EVM धईल बा आगे 
बटन लेकिन दबाते नईखे 
मत केकरा के दान करी 
बुझाते नइखे

कुंदन कुमार पंडित 

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