Sahitya DarshannStory,Poems.shayari,quotes,Gazals,कवितायें शायरी कहानियाँ

 
Kumar Vishwas

रचनायें

कवितायें 8

शायरी 13

चर्चित रचनायें

कवितायें

1 महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है

Posted: 08-03-2018

महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है, उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना, रस्ते में ये मैखाना तो पडता हैं

[Read More]

2 कुछ छोटे सपनो के बदले

Posted: 08-03-2018

कुछ छोटे सपनो के बदले, बड़ी नींद का सौदा करने, निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे !

[Read More]

3 खुद को आसान कर रही हो ना

Posted: 08-03-2018

खुद को आसान कर रही हो ना हम पे एहसान कर रही हो ना, ज़िन्दगी हसरतों की मय्यत है, फिर भी अरमान कर रही हो ना

[Read More]

4 हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते

Posted: 08-03-2018

वे बोले दरबार सजाओ वे बोले जयकार लगाओ, वे बोले हम जितना बोले, तुम केवल उतना दोहराव

[Read More]

5 हार गया तन-मन पुकार कर तुम्हें

Posted: 08-03-2018

हार गया तन-मन पुकार कर तुम्हें, कितने एकाकी हैं प्यार कर तुम्हें, जिस पल हल्दी लेपी होगी तन पर माँ ने, जिस पल सखियों ने सौंपी होंगीं सौगातें, ढोलक की थापों में, घुँघरू की रुनझुन में, घुल कर फैली होंगीं घर में प्यारी बातें

[Read More]

6 होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

Posted: 08-03-2018

दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला बस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौला शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो, होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

[Read More]

7 पगली लड़की

Posted: 08-03-2018

मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है, जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं, जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं,

[Read More]

8 कोई दीवाना कहता है

Posted: 08-03-2018

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

[Read More]

शायरी
1.

Posted: 15-03-2018

एकता बाँटने में माहिर है ,
खुद कि जड़ काटने में माहिर है 
हम क्या थूके उस सख्स पे जो खुद ,
थूक कर चाटने में माहिर है cheekycheeky

2.

Posted: 08-03-2018

चंद चेहरे लगेंगे अपने से ,

खुद को पर बेक़रार मत करना ,

आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर?

हम न कहते थे प्यार मत करना…!!

3.

Posted: 08-03-2018

हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है,

और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है,

मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल,

भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है..!!

4.

Posted: 08-03-2018

तुम अमर राग-माला बनो तो सही,

एक पावन शिवाला बनो तो सही,

लोग पढ़ लेंगे तुम से सबक प्यार का,

प्रीत की पाठशाला बनो तो सही..!!

5.

Posted: 08-03-2018

बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले ,

तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले ,

तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी ,

ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले..!!

6.

Posted: 08-03-2018

घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
 दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा

7.

Posted: 08-03-2018

वो जो खुद में से कम निकलतें हैं
उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं
आप में कौन-कौन रहता है
हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं।

8.

Posted: 08-03-2018

वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है।

9.

Posted: 08-03-2018

कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता
अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता
करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता।

10.

Posted: 08-03-2018

हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।

11.

Posted: 08-03-2018

नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है।

12.

Posted: 08-03-2018

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

13.

Posted: 08-03-2018

पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना।