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Munawwar Rana

रचनायें

शायरी 8

चर्चित रचनायें

शायरी
1.

Posted: 16-03-2018

मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार

दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार

2.

Posted: 16-03-2018

इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर

मेरी शह-रग पे मिरी माँ की दुआ रक्खी थी

3.

Posted: 16-03-2018

भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए

जब मेरी चिंता बढ़े माँ सपने में आए

4.

Posted: 16-03-2018

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई

5.

Posted: 16-03-2018

किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा

अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा

6.

Posted: 16-03-2018

घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं

लड़कियाँ धान के पौदों की तरह होती हैं

7.

Posted: 16-03-2018

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

8.

Posted: 16-03-2018

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो

तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो