चंदा की चकोरी से कोई बात ना होती,
जो तुमसे हमारी ये मुलाकात न होती |
इस शहर के लोलोगों में कोई बात है ‘अम्बर’,
वरना तो कभी इतनी हसीं रात ना होती ||
मैं तुझे जान लूं तू मुझे जान ले,
मैं भी पहचान लूं तू भी पहचान ले |
है बहुत ही सरल प्रेम का व्याकरण,
मैं तेरी मान लूं तू मेरी मान ले ||
शाम भी ख़ास है वक़्त भी ख़ास है,
मुझको अहसास है तुझको अहसास है |
इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए,
मैं तेरे पास हूँ तू मेरे पास है ||
चाँद बिन चांदनी रात होती नहीं,
ना हो बादल तो बरसात होती नहीं |
शब्द मजबूर हैं व्यक्त क्या क्या करें,
प्रेम जब हो मुखर बात होती नहीं ||
आने वाली हर नयी प्रभा ,दे खुशियों की सौगात
हर दिन आपका होली हो ,हो दिवाली हर रात !!
सफलता आपकी कदम चूमे ,न मिले जीवन में कभी निराशा
सफलता की आप दोस्त ,गढ़ दो एक नई परिभाषा !!