चारो धाम कर ले कोई ,या करले हर तीज त्योहार
माँ ही अगर खुश नहीं तो सब कुछ है बेकार
ज़िन्दगी आसां लगेगी मुस्कुरा कर देख लो
चाहतों का शौक़ है तो दिल लगाकर देख लो
यूँ चरागों से शिक़ायत करने का क्या फ़ायदा
दूर होगा हर अँधेरा लौ जलाकर देख लो
उम्मीदों का बोझ लिए , मुर्दों को चलते देखा है
इश्क़ की आँच से मैंने , पत्थर को पिघलते देखा है
सबसे अलग है मुस्कान उसकी,
जी चाहे बस देखता ही रहूं मै;
दर्द-ए-जमाने की परवां नही है,
उसके लिए सब हँस के सहूं मै।
ये दिल है ,कोई मिट्टी का खिलौना नहीं ,
की जी चाहा तो खेला फिर ठुकरा डाला
एक से अगर मन ऊब जाये तो अगले दिन
इक दूसरा खरीद कर ला डाला !!
उसकी आँखों में प्रेम का समंदर दीखता है,
सारे जहाँ का प्यार उसके अंदर दीखता है;
क्या कहे उसकी अंदाज -ए-मोहब्बत को,
इसे देखकर प्यार भी प्यार सीखता है।
आँखों में अश्क ,पर अधरों पे मुस्कान क्यूँ है !
उस पगली के लिए ,दिल इतना परेशान क्यूँ है !!
हम वक्त से हैं वाकिफ ,फिर भी इतने अनजान क्यूँ हैं !
बावले दिल को कौन समझाये ,आखिर ये इतना नादान क्यूँ है !!
आज वो फिर मुझे देखकर मुस्कुराया है
लगता है कोई काम निकल आया है !!
आने वाली हर नयी प्रभा ,दे खुशियों की सौगात
हर दिन आपका होली हो ,हो दिवाली हर रात !!
सफलता आपकी कदम चूमे ,न मिले जीवन में कभी निराशा
सफलता की आप दोस्त ,गढ़ दो एक नई परिभाषा !!
कल्पना चावला बन अंतरिक्ष जा सकती हैं बेटियाँ
इंदिरा बन शासन भी चला सकती हैं बेटियाँ
मत रोको उड़ने दो खुली फिजाओं में इन्हे
क्युकी साक्षी -सिन्धू बन पदक ला सकती हैं बेटियाँ !!
सच्चा प्यार जो भी करते हैं; पूछो कितना कठिन भुलाना,
जुदाई शायद सह ना सकूँगा; ऐ रब पहले मुझे बुलाना.
मजबूर नहीं करेंगे तुझे वादा निभाने के लिए
तू एक बार आ अपनी यादे वापस ले जाने के लिए
आज फिर से मुस्कराने का जी चाहता है
तेरी यादो में खो जाने का जी चाहता है ,
शायद तू सपनो में ही मिल जाये ,इसलिए
अब तो सदा के लिए सो जाने का जी चाहता है
कभी तो कोई इस दिल की बात समझेगा
आएगा समय जब कोई मेरे जज्बात समझेगा
पोछेगा कोई मेरे भी अश्क ,और सब हालात समझेगा
जो मेरे गम को गम और खुशी को अपनी कायनात समझेगा
हम वीरों के वंशज है ,मिट्टी में तुम्हे मिला देंगे !
कर मत दू:साहस रे पाक ,वर्ना 71 की याद दिला देंगे !!
इस अंधियारी रात में ,जुगनू के घर का कोई पता बता दे !
ये खुदा मत ले इतने इम्तिहाँ ,अब तो मेरी खता बता दे !!
22-02-2018हम वीरों के वंशज है ,मिट्टी में तुम्हे मिला देंगे !
कर मत दू:साहस रे पाक ,वर्ना 71 की याद दिला देंगे !!
22-02-2018अपनी खुशियों के बदले ,उनके गम हर बार माँग लू
करे खुदा यदि सौदा, तो अपनी दोस्त की मुश्किलें उधार माँग लू
न तमन्ना मुझे किसी दौलत की ,न अपनी खुशियों की है दरकार
हे प्रभु कुछ देना चाहो ,तो देना हर जन्मो में मुझे ऐसा ही सच्चा यार
चारो धाम कर ले कोई ,या करले हर तीज त्योहार
माँ ही अगर खुश नहीं तो सब कुछ है बेकार
ये दिल है ,कोई मिट्टी का खिलौना नहीं ,
की जी चाहा तो खेला फिर ठुकरा डाला
एक से अगर मन ऊब जाये तो अगले दिन
इक दूसरा खरीद कर ला डाला !!